इंग्लैंड के बर्मिंघम में ईद कुछ इस तरह मनाई गई Fact Check
फैक्ट चेक: सड़क पर मारपीट का पुराना वीडियो ईद से जोड़कर वायरल
दुनिया भर में ईद का त्योहार मनाया जा चुका है. इसी दौरान बीच सड़क पर झगड़े और मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि इंग्लैंड के बर्मिंघम में ईद कुछ इस तरह मनाई गई.
30 सेकेंड के इस वीडियो में कुछ पुरुष और महिलाएं दिख रही हैं. इनमें से कुछ पारंपरिक मुस्लिम लिबास में हैं. वे आपस में मारपीट कर रहे हैं, एक दूसरे के साथ हाथापाई कर रहे हैं और चिल्ला रहे हैं.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (अफवा) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वीडियो में दिख रही यह घटना पिछले साल अगस्त की है और इसका ईद के उत्सव से कोई लेना-देना नहीं है.
ट्विटर पर एक वेरीफाइड यूजर “दवीड वॅन्स” ने यह वीडियो 25 मई को पोस्ट किया है और तंज करते हुए कैप्शन लिखा है, “बर्मिंघम की सड़क पर रमणीय दृश्य, ईद के मुबारक मौके को बेहद खुशी के साथ उत्सव मनाया गया.”
खबर लिखे जाने तक इस ट्वीट को 10 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है और 5 हजार से ज्यादा लोगों ने रीट्वीट किया है.
कुछ ट्विटर यूजर्स ने वीडियो के साथ लिखा, “यहां स्पार्कब्रुक, बर्मिंघम में रमजान और ईदअलफितर मुसलमानों के लिए इस्लाम में ऐसा शानदार शांतिपूर्ण समय है”. यह भ्रामक पोस्ट फेसबुक पर भी वायरल है.
पड़ताल
कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमें इस घटना को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों में प्रकाशित खबरें मिलीं. “मिरर ” के मुताबिक, 15 अगस्त, 2019 को बर्मिंघम के एस्टन में प्रेस्टबरी रोड पर मारपीट की यह घटना हुई थी. सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सामूहिक विवाद “दो परिवारों” की आपसी रंजिश का परिणाम था. हालांकि, इस झगड़े का वास्तविक कारण पता नहीं चल सका.
“डेली मैल ” की एक रिपोर्ट कहती है कि यह झगड़ा कुछ दिनों पहले एक शादी में दो महिलाओं के बीच तीखे नोक-झोंक का नतीजा था. इन खबरों से साबित होता है कि यह वीडियो पुराना है. इसे भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि ईद के मौके पर सरेआम सड़क पर मारपीट हुई.
फैक्ट चेक
फैक्ट चेक: सड़क पर मारपीट का पुराना वीडियो ईद से जोड़कर वायरल
दावा
ईद के मौके पर इंग्लैंड के बर्मिंघम में एक सड़क पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपस में मारपीट की.
निष्कर्ष
यह घटना पिछले साल अगस्त की है और इसका ईद के त्योहार से कोई लेना-देना नहीं है.